Detailed Notes on Shodashi
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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।
Shodashi is deeply connected to The trail of Tantra, exactly where she guides practitioners towards self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she's celebrated since the embodiment of Sri Vidya, the sacred know-how that leads to enlightenment.
पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥
तां वन्दे नादरूपां प्रणवपदमयीं प्राणिनां प्राणदात्रीम् ॥१०॥
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से check here निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
In case the Shodashi Mantra is chanted with a clear conscience along with a identified intention, it can make any would like come correct for yourself.
It can be motivation that turns the wheel of karma, Which retains us in duality. It truly is Shodashi who epitomizes the burning and sublimation of those needs. It's she who allows the working away from previous karmic styles, resulting in emancipation and soul flexibility.
ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः
लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।
Celebrations like Lalita Jayanti emphasize her significance, exactly where rituals and offerings are created in her honor. The goddess's grace is thought to cleanse previous sins and direct a person to the final word intention of Moksha.
बिभ्राणा वृन्दमम्बा विशदयतु मतिं मामकीनां महेशी ॥१२॥